आरज़ू रात भर यही सोचती रही की राजा ने उसे अनदेखा क्यों कर दिया? क्या वो उसे नहीं पहचान पाया? या वो उससे मिलने की इच्छा ही नहीं रखना चाहता ? यही सब आरज़ू के दिमाग में चल रहा था. अगले दिन सुबह सब अपने प्रैक्टिस रूम में मिलते है वह राजा नहीं है आरज़ू अंशु से पूछती है तो वो बताती है की वो गाना जो उन्होंने रिकॉर्ड किया था उसको जमा कर प्रतियोगिता के लिए फॉर्म भरने के लिए हेड ऑफिस गया है. वह पे राजा के एक गुरुजी मिलते है जिनके पास राजा ने संगीत सीखा था राजा उनको अपने आलम ग्रुप के बारे में बताता है यह सुनकर गुरु जी उनको कहते है की तुम्हारे ग्रुप में सभी चीज़े ठीक है par एक और गायनी होती तो और अच्छा होता यह सुनकर राजा सोच में पड़ जाता है की एक और गायनी को कहा से ढूंढे और इसी बीच ये घोषणा होती है की आलम ग्रुप का चयन प्रतियोगिता के लिए नियुक्त कर लिया गया है और राजा ख़ुशी से झूम उठता है अपने गुरुजी का आशीर्वाद लेता है और खुशखबर हर्ष को फ़ोन कर के बताता है और सभी आलम के सदस्य ख़ुशी से खूम उठते है ये खबर सुनकर आरज़ू भी काफी खुश हो जाती है.और इसी ख़ुशी के मौके पर केशव आरज़ू से कहता है की उसकी कोई अच्छी कविता गा कर सुनाये. आरज़ू पहले हिचकिचाती है फिर सब के शोर देने पर अपना कुछ पसंदीदा कविताओं में से एक कविता चुनती है और सब एक हो जाते है और आरज़ू गाने लगती है और दूसरी तरफ राजा रस्ते भर यही सोच में लगा रहता है की नयी गायनी कहा से लाये तभी उसे खूबूरत आवाज़ सुनाई पड़ती है वो जल्दी जल्दी में जाकर देखता है और आवाज उनके प्रैक्टिस रूम से आरही थी वो एक कोने छिपकर गाना सुन रहा था और उसने गौर किया तो देखा की कल जो नयी लड़की आई है वही गए रही है और बहुत ही मीठी आवाज है उसकी वाह क्या बात है यही उसके दिमाग में चल रहा था. तभी वो अंदर जाता है आरज़ू राजा को देख शांत हो जाती है पर राजा उसे गाने को कहता है और कहता है की आप अच्छा गए रही है पूरा जाइए मत रोकिये यह सुनकर आरज़ू गाना शुरुर करती है और बहुत खुश हो जाती है राजा ने उसके गाने को पसंद किया.
गाना खत्म होते ही सारे लोग जोर जोर से ताली बजाते है और आरज़ू देखती है की राजा भी ताली बज्ज रहा था बस आरज़ू की तमन्ना पूरी हो गयी ऐसा उसे लग रहा था. राजा फिर आरज़ू को अपना परिचय देता है और उसके बारे में पूछता है अंशु उसके बारे में सब चीज़ बताती है राजा बहुत खुश होता है की आलम को एक गायिका और लेखिका दोनों एक साथ मिल गए. फिर राजा आरज़ू को कल के व्यवहार के लिए माफ़ी मांगता है और आरज़ू को बस ये सब कुछ सपने की तरह लग रहा था सारे लोग बहुत खुश थे. राजा सब को कहता है कल उन्हें सुबह जल्दी पहुंचना है क्युकी पहला राउंड के लिए गाने उन्हें २० किम दूर एक कॉलेज जाना है वह उन्हें गाना है और गाना केशव और छाया गाएंगे फिर दूसरा राउंड जो अगले दिन होगा सोलो होगा उसमे मैं जाऊंगा. सब अपना अपना चलने को तैयार हो जाते है तभी केशव अंशु से कहता है की वो उसके साथ चले अंशु भी मन ही मन केशव को चाहती है पर उसे नहीं बताती सामने फिर भी वो केशव के साथ जाने को राज़ी हो जाती है. आरज़ू कहती है की वो हॉस्टल ऑटो में चली जाएगी फिर राजा उसको कमरे तक छोड़ देने के बारे में कहता है अब आरज़ू मन नहीं कर पाती फिर वो उसके कमरे तक छोड़ के चला जाता है पर आरज़ू को तो दिल ही दिल में राजा के लिए प्यार बनता जा रहा था उसे आँखे खोलो तो राजा बंद करो तो राजा नज़र आ रह था.
अगले दिन सुबह फिर सब मिलते है सब अपना अपना सामान पैक कर रहे थे क्युकी उन्हें तीन चार दिन के लिए बाहर रहना था सब अपना सामान लेके प्रैक्टिस रूम पहुंचते है पर आरज़ू की नज़र तो सिर्फ राजा के पर ही थी वो उसे देख देख कर शर्माए जा रही थी इसी बीच उसे हर्ष देखता है और कहता है की उसे राजा से प्यार हो गया है आरज़ू मन कर देती है उस बात से पर हर्ष सब जान चुका था फिर सब सामान अपना अपना बस में रख देते है और फिर निकल पड़ते है अपने सफर पर जहां उन्हें अपनी प्रतियोगिता के पहले चरण को सफल करना था .
Part 4 Here Part 6 Here
गाना खत्म होते ही सारे लोग जोर जोर से ताली बजाते है और आरज़ू देखती है की राजा भी ताली बज्ज रहा था बस आरज़ू की तमन्ना पूरी हो गयी ऐसा उसे लग रहा था. राजा फिर आरज़ू को अपना परिचय देता है और उसके बारे में पूछता है अंशु उसके बारे में सब चीज़ बताती है राजा बहुत खुश होता है की आलम को एक गायिका और लेखिका दोनों एक साथ मिल गए. फिर राजा आरज़ू को कल के व्यवहार के लिए माफ़ी मांगता है और आरज़ू को बस ये सब कुछ सपने की तरह लग रहा था सारे लोग बहुत खुश थे. राजा सब को कहता है कल उन्हें सुबह जल्दी पहुंचना है क्युकी पहला राउंड के लिए गाने उन्हें २० किम दूर एक कॉलेज जाना है वह उन्हें गाना है और गाना केशव और छाया गाएंगे फिर दूसरा राउंड जो अगले दिन होगा सोलो होगा उसमे मैं जाऊंगा. सब अपना अपना चलने को तैयार हो जाते है तभी केशव अंशु से कहता है की वो उसके साथ चले अंशु भी मन ही मन केशव को चाहती है पर उसे नहीं बताती सामने फिर भी वो केशव के साथ जाने को राज़ी हो जाती है. आरज़ू कहती है की वो हॉस्टल ऑटो में चली जाएगी फिर राजा उसको कमरे तक छोड़ देने के बारे में कहता है अब आरज़ू मन नहीं कर पाती फिर वो उसके कमरे तक छोड़ के चला जाता है पर आरज़ू को तो दिल ही दिल में राजा के लिए प्यार बनता जा रहा था उसे आँखे खोलो तो राजा बंद करो तो राजा नज़र आ रह था.
अगले दिन सुबह फिर सब मिलते है सब अपना अपना सामान पैक कर रहे थे क्युकी उन्हें तीन चार दिन के लिए बाहर रहना था सब अपना सामान लेके प्रैक्टिस रूम पहुंचते है पर आरज़ू की नज़र तो सिर्फ राजा के पर ही थी वो उसे देख देख कर शर्माए जा रही थी इसी बीच उसे हर्ष देखता है और कहता है की उसे राजा से प्यार हो गया है आरज़ू मन कर देती है उस बात से पर हर्ष सब जान चुका था फिर सब सामान अपना अपना बस में रख देते है और फिर निकल पड़ते है अपने सफर पर जहां उन्हें अपनी प्रतियोगिता के पहले चरण को सफल करना था .
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