अंशु आरज़ू को फोन करती है पूछने को कहा पंहुचा है उसका सफर उसने जवाब दिया कुछ आधे घंटे में बस पहुंच जायगी. अंशु जल्दी से तैयार होने लगती है जैसे ही तैयार होके वो अपने गाडी के पास पहुचती है देखती है की उसकी गाड़ी का पिछला चक्का पंक्चर है और वो तुरंत छाया और ऐश्वर्या के पास जाती है ताकि वो गाडी का बंदोबस्त करा दे. पर गाडी का बंदोबस्त नही हो पाता बस १० मिनट में पहुचने वाला था और अंशु हड़बड़ा जाती है कैसे आरज़ू के पास पंहुचा जाय. फिर वो केशव को कॉल करती है की उसे बस स्टैंड पे पहुंचा दे केशव मान जाता है क्युकी केशव तो वैसे भी अंशु को चाहता था और वो उसके लिए कुछ भी करेगा पर उसने कहा उसे २० मिनट कम से कम लगेगा ही. फिर अंशु थोड़ा सोच में पद जाती है और वो आरज़ू को फोन कर के बोल देती है वो उसका पांच मिनट इंतज़ार करे . इसी बीच बस स्टैंड में पहुंच जाती है और आरज़ू बस से उतरने केट बाद ऐसा फील कर रही थी की उसकी ये नयी शुरुआत है और उसे कुछ हासिल करके ही जाना है यहाँ से. वो एक जगह बैठकर अंशु का इंतज़ार करते रहती है . आरज़ू को थोड़ा सा प्यास लगता है वो पानी बोतल खरीदने को चलती है तभी एक बच्चा उसका बैग चोरी करके भाग जाता है उस बैग में आरज़ू के सारे पैसे और उसकी सारी कविताएं थी वो जोर जोर से चीखी को कोई पकड़ो उसे वो मेरा बैग चोरी कर के भाग रहा है. पर वो चोर काफी तेज भाग रहा था और आरज़ू की आँखों से पानी निकलने लगा उसे लगा उसकी म्हणत से लिखी हुयी सारी कवितायें भी गयी अब वो करे तो क्या करें .
आरज़ू धीरे धीरे रुक जाती है और हार मान लेती है और वापिस वो बैग पाने की उम्मीद खो बैठती है. तभी वो बच्चा (चोर) दौड़ते दौड़ते एक बन्दे से टकरा जाता है और गिर जाता है आरज़ू उसे गिरते देख ही उस के पास भाग पड़ती है. आरज़ू उस बन्दे के पास जाकर वो बैग उसका है कहती है और वो बाँदा वो बैग उस लड़के से छीन के आरज़ू को दे देता है फिर वो उस लड़की को पकड़ के चोरी करने की वजह पूछता है वो लड़का कहता है की वो बहुत भूखा है और उसके पास पैसे नही है इसलिए उसने वो बैग चोरी की. यह सुनकर उस बन्दे को बहुत दुःख लगा और वो उसी बस स्टेशन में उसके एक दोस्त के दूकान पे काम पे लगा देता है और कहता है की अबसे कभी चोरी ना करें और अपनी म्हणत के पैसे से अपना पेट भरे. यह सब देखकर आरज़ू को बहुत अच्छा लगता है और वो उस बन्दे के पास जाकर उसे धन्यवाद कहती है उसके बैग लौटाने के लिए और उस बच्चे की मदद करने के लिए फिर उस बन्दे ने कहा " मुझे खुद आपसे धन्याद कहना चाहिए क्युकी एक भूखे बच्चे को आज एक नयी उम्मीद मिली इस सब के लिए थैंक्स " ये कहकर वो चला जाता है आरज़ू काफी खुश हो जाती है उसके अच्छे लक्षण देख कर. तभी अंशु वह पर पहुचती है और आरज़ू को बधाई देती है उसके प्रतियोगिता जीतने पर और फिर देर आने के लिए माफ़ी मांगती है फिर आरज़ू कहती है " तुम्हारा देर आना किसी के लिए अच्छा हुआ " और फिर सारी घटना अंशु को बताती है फिर दोनों टैक्सी पकड़ कर हॉस्टल की तरफ निकल पड़ते है .
रास्ते भर वो उस बन्दे के बारे में सोचती रही और मन ही मन अपने आप से कहती रही की एक बार दुबारा उससे मुलाक़ात हो जाएँ. इसी बीच वो हॉस्टल पहुँचते है दोनों और कमरे में ले जाती है. फिर अंशु आरज़ू को आलम ग्रूप के दुसरे सदस्य छाया और ऐश्वर्या से मिलवाती है और दोनों आरज़ू के कविताएं पढ़ कर प्रभावित होते है और कहते है की इस बोल में अगर संगीत मिला दी जाय तो बहुत सुन्दर गीत बनेंगे फिर वो लोग कहते है की कल सुबह सब इस बारें बात करेंगे ये कहकर सब सो जातें है.
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