Aakhir Kare to Kya

 जब पकड़ा जाता है ( कैनहीया) तो कहते हैं क्यूँ पकड़ लिया , जब नही पकड़ा जाता ( उमर खालिद ) तो कहते हैं अब तक क्यूँ नही पकड़ा गया , जब देशद्रोह के नारे लगाता है तो कहते हैं ये निर्दोष है , जब पुलिस पकडती है बोलते हैं कोर्ट ले जाओ , जब कोर्ट फैसला करती है बोलते हैं कोर्ट ने मासूम को फांसी दे दी ( अफजल गुरु , याकूब ), जब एनकाउंटर होता है बोलते हैं हमारी बेटी थी ( इशरत जहाँ ), स्कूल जाती थी , निर्दोष थी , जब पता चल जाता है कि आतंकवादी थी तो कहते हैं कोर्ट क्यूँ नही गये एनकाउंटर क्यूँ किया , फिर जब कोर्ट जाते हैं तो माफ़ी का हंगामा करते हैं , रात को 12 बजे कोर्ट खुलवाते हैं( याकूब मेनन ) |

उसको मासूम बताया जाता है , उसकी शव यात्रा में लाखों लोग खड़े हो जाते हैं कोर्ट को सरकार को गाली देते हैं आखिर ये कैसा सेकुलरिज्म ? , कोई बोलता है – भारत तेरे टुकड़े होंगे इंसा अल्लाह इंसा अल्लाह तो कहते हैं बच्चा है उसने नही बोला , जब विडियो आ जाती है बोलते हुए कि तो कहते हैं ये बोलने की आजादी है , जब ऐसे लोग उग्रवादी बन जाते हैं तो बोलते हैं सरकार ने समय पर ध्यान क्यूँ नही दिया क्या सरकार सो रही थी ?

जब कोई देशद्रोही को कोर्ट के बाहर थोडा मार देता है तो आसमान सर पर उठा लेते हैं , जब मालदा में ढाई लाख लोग उतरते हैं , उपदर्व करते हैं तो बोलते हैं ये तो गुस्सा था , जब एक हिन्दू किसी के बारे कुछ कहता है तो कहते हैं इसने अपमान किया है कड़ी से कड़ी सजा दो ( कमलेश तिवारी ) , जब मुस्लिम भारत को गाली देता है और तोड़ने की बात करता है तो कहते हो अभिव्यक्ति की आजादी है ( उमर खालिद ) , जब दादरी में 1 (अक्लाख )मरता है तो पूरा भारत असहिष्णु हो जाता है , जब पुणे में हिन्दू जिन्दा जलाया जाता है तो चुप रहते हो , जब प्रशांत पुजारी को मुस्लिम काट देते हैं तो मौन में चले जाते हो , कैसा दोगला सेकुलरिज्म जो देश का भी विरोधी , हिन्दू का भी विरोधी , आखिर क्यूँ ? कोई जवाब ?
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